विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर 16 अक्टूबर को सर्व सेवा संघ, वाराणासी मे एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मुख्य वक्ता सौरभ सिंह ने बताया कि आज दुनिया में एक तिहाई लोग बिना खाए सो जाते हैं। भारत में करीब 25 करोड़ लोग भूखे सोते है। जिसमें […]

हम सबके अग्रज सर्वोदय जगत में सुदृढ़ स्तंभ जगदीश भाई शाह गोत्री आश्रम बड़ौदा काफी दिन हुए हम सबके बीच से विदा हुए। आज हममें से अनेक साथी जिन्हें मां के संबोधन से विभूषित करते थे ऐसी स्नेह की सागर आदरणीय मंजू बहन भी आज इस संसार से विदा हो […]

-डॉ. रवीन्द्र कुमार गाँधीजी को विश्वभर में एक राजनेता, एक समाज सुधारक एवं एक महात्मा के रूप मेंस्वीकार किया जाता है. राजनीतिक-सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में गाँधीजी के विचारऔर कार्य समालोचना के विषय रहे हैं, उनके सांस्कृतिक विचारों से स्वयं उनके जीवनकालमें उन्हीं के निकट साथियों-सहयोगियों सहित अनेक अन्य लोग […]

आंदोलन समिति के संयोजक श्री अशोक भारत की गैरमौजूदगी में उनकी भेजी गयी रिपोर्ट युवा समिति के                         संयोजक श्री बजरंग सोनावड़े ने सभा में पेश की. सर्व सेवा संघ की 26-27 जुलाई, 2021 को सेवाग्राम में आयोजित बैठक में भाग नहीं ले पाने का हमें दु:ख है। दरअसल कुछ पूर्व […]

युवा समिति के संयोजक श्री बजरंग सोनावड़े ने युवा समिति की रिपोर्ट पेश  करते हुए कहा कि कोरोना के कारण कोई प्रत्यक्ष बैठक होना संभव नहीं हुआ. इसलिए 15 जून 2021 को अपराह्न 4.00 ऑनलाइन बैठक के जरिये  देशभर के साथियों को जोड़ने का प्रयास किया गया. इस आनलाइन मीटिंग में […]

कोरोना महामारी के बावजूद सभी साथी कार्यकारिणी की बैठक में आये, इसके लिए सर्व सेवा संघ की तरफ से हम आभार प्रकट करते हैं और भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि सारे विश्व में सभी  स्वस्थ रहें। सर्व सेवा संघ में जितना कार्यक्रम पिछली बैठक में लिया गया था, कोरोना के कारण […]

चम्पारण प्रवास के दौरान गांधी जी को वहां की जनता का को जो प्यार, श्रद्धा एवं सम्मान प्राप्त हुआ, वह वहां की भाषा भोजपुरी में आज भी विद्यमान है। अब न अंग्रेज़ हैं, न शोषक जमींदारी प्रथा, न नील की खेती, न डरे, दबे कुचले लोग, पर भोजपुरी के वे कर्णप्रिय गीत और धुनें ज़रूर आज भी गांधी की कीर्तिगाथा को दुहरा रही हैं। चंपारण का क्षेत्र भोजपुरी भाषी क्षेत्र है, जो अंगिका और वज्जिका के क्षेत्रों से मिला हुआ है। इन बोलियों में 1857 के बिहार के महानायकों मंगल पांडेय और वीर कुँवर सिंह की वीरता के बखान का समृद्ध इतिहास है। चंपारण सत्याग्रह ही नहीं, उसके बाद होने वाले असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भगत सिंह की कीर्तिगाथा, नेताजी सुभाष का बेहद ओजस्वी अभियान आदि महत्वपूर्ण घटनाओं पर भी भोजपुरी सहित अन्य बोलियों में बहुत से गीत रचे गए हैं।

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वरिष्ठ गांधीवादी आदरणीय रामजी भाई हमारे बीच नहीं रहे। यह जानकर बहुत दुख हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। करीब आज से 50 साल पहले रामजी भाई से पहली मुलाकात इलाहाबाद में ग्रामदानी गांव बरनपुर में आदरणीय लल्लू दादा और मेवा लाल गोस्वामी के साथ हुई थी। उसके बाद […]

आज भी विश्व के अनेक देश भारत को ‘बापू’ के परिचय से ही पहचानते हैं। भारत से गया व्यक्ति अपना परिचय देते हुए जब यह बताता है कि वह उस देश से आ रहा है, जिस देश में गांधी जी ने जन्म लिया था तो उनमें से बहुतेरे उस व्यक्ति […]

यह गांधी की प्रभावशाली जीत थी सत्तर के दशक की एक मशहूर मूवी थी। एक अमीर मिल मालिक का बेटा अपने दोस्त को, मजदूरों के बीच लीडर बनाकर बैठा देता है। दोस्त मजदूरों की बस्ती में रहता है। जब मजदूरों का दर्द समझता है, तो अपने ही दोस्त, यानी मिल […]

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