ब्रह्मविद्या मंदिर के प्रति आज अपने मनोभाव व्यक्त कर रही हैं ज्योति पाटणकर. उनके ये विचार विनोबा विचार संगीति में व्यक्त किए गए थे। आज उसी का एक अंश यहां प्रस्तुत है। महात्मा गांधी ने हमें सर्वोदय शब्द दिया। हम सभी का उदय चाहते हैं। जिसकी तरफ कोई देखना तक […]
Year: 2022
माखन सिंह ने 13 वर्ष से अधिक समय तक डाकू जीवन व्यतीत करने के बाद जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर 16 अप्रैल 1972 को स्वयं उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किया था। यह आत्मसमर्पण अपराध जगत के इतिहास में अप्रतिम घटना के रूप में दर्ज है। माखन सिंह ने अदम्य उत्साह के […]
साबरमती आश्रम को बचाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि वह इस मामले में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी द्वारा दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करे और सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करे। इससे […]
गांधी और उनके विचारों को गाली देना समाज में स्वीकार्य होता जा रहा है, बल्कि गांधी को खुलेआम गाली देकर ऊंचा पद और बहुत कुछ पाया जा सकता है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से गांधी विचार की स्वीकार्यता में आयी कमी को दिखाती है, जो चिंता का सबसे बड़ा कारण […]
साबरमती आश्रम अहमदाबाद के बाद अब सरकार का चाबुक सेवाग्राम आश्रम, वर्धा की ख़ादी पर है। सरकार ने अपने नए मनमाने क़ानून से सेवाग्राम आश्रम में तैयार होने वाले शुद्ध ख़ादी वस्त्रों को ग़ैर क़ानूनी घोषित कर प्रतिबंधित करने की धमकी दी है। पढ़िए अशोक शरण का विचारोत्तेजक लेख। गांधी […]
सरकार ने अब खादी के मर्म स्थान पर चोट की है. महात्मा गांधी के अपने सेवाग्राम आश्रम को एक नोटिस देकर कहा गया है कि सरकार से खादी मार्क का प्रमाणपत्र न लेने के कारण उनका उत्पादन अवैध यानि ग़ैरक़ानूनी है. संस्था को अपना उत्पादन और बिक्री बंद करने का […]
अमरीकी संसद को संबोधित करते हुए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘दुनिया के किसी कोने में यदि मानवता पर हमला होगा, न्याय का गला घोंटा जाएगा, तो हम तटस्थ नहीं रह सकते। हर अन्याय, हर जोर-जुल्म के खिलाफ, मानवता के पक्ष में हम अपनी आवाज बुलंद […]
यूक्रेन गेहूं और खाद्य तेलों, विशेषकर सूरजमुखी तेल के बड़े निर्यातकों में से एक है। भारत वहां से तकरीबन 1.5 बिलियन डॉलर का सूरजमुखी तेल हर साल मंगाता है। ऐसे में, इन वस्तुओं का आयात प्रभावित होने से हमारे यहां खाद्य उत्पादों पर असर पड़ेगा। यानी यह युद्ध ऊर्जा, धातु […]
गांवों में चरागाह या अभयारण्य जैसी कोई व्यवस्था शेष नहीं बची है. ऐसे में इन छुट्टा जानवरों के पास अपना जीवन बचाने के लिए किसानों की फसल चरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. छुट्टा गोवंश की समस्या का स्थायी समाधान सरकार और समाज को ही निकालना होगा. कुछ […]
गाय के बारे में आजकल जो विवाद चल रहे हैं, वह दरअसल केवल गाय के विवाद नहीं हैं। प्रश्न यह है कि पतन और विदेशी शासन के हजार वर्षों में जो विकृत, कुंठित व्यक्तित्व हमारा बना है, क्या उसे ही हम अपनी विरासत मानते हैं? हम इतने दिनों से लकवाग्रस्त […]