ओड़िशा में शुरू होगा नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान

जनांदोलनों का संयुक्त निर्णय

विभिन्न सामाजिक व गणतांत्रिक संगठनों ने एक साथ जुड़कर राष्ट्रीय स्तर पर ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान’ शुरू किया है। मुंबई क्रांति मैदान और दिल्ली गांधी शांति प्रतिष्ठान के परिसर में स्वतंत्रता सेनानी जीजी पारिख, जन आंदोलनों की नेत्री मेधा पाटकर, सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय, किसान नेता योगेंद्र यादव, गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी आदि प्रमुख नेताओं के नेतृत्व में शुरू हुए अभियान को व्यापक बनाने के लिए भुवनेश्वर में लोहिया अकादमी के परिसर में प्रख्यात पर्यावरणविद प्रफुल्ल सामंथरा की अध्यक्षता में 13 सितम्बर को एक बैठक हुई। देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई की मार, सांप्रदायिक अशांति के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार अडानी, अंबानी जैसे पूंजीपतियों के पक्ष में देश की नीतियों को बदल रही है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद व डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर के नेतृत्व में बने भारत के संविधान को बदलने की कोशिशें साफ़ समझ में आ रही हैं। भारत के आम लोगों को बेरोजगारी, महंगाई की मार और सांप्रदायिक अशांति से बचाने के लिए, ओड़िशा में ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान’ का विस्तार करने का निर्णय लिया गया। अभियान के आवाहक के रूप में केंद्रीय गांधी स्मारक निधि के ट्रस्टी डॉ विश्वजीत, यूसुफ मेहर अली सेंटर, ओड़िशा के संयोजक कल्याण आनंद, राष्ट्रीय युवा संगठन की राष्ट्रीय समिति के सदस्य मानस पटनायक तथा सलाहकार समिति में ग्रीन नोबेल विजेता प्रफुल्ल सामंथरा, गांधी शांति प्रतिष्ठान ओड़िशा के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनोरंजन मोहंती, वरिष्ठ पत्रकार रवि दास, लोहिया अकादमी के महामंत्री देव प्रसाद रे, जन आंदोलनों के नेता लिंगराज आजाद, समाजवादी नेता चितरंजन मोहंती, स्तंभकार जयंत कुमार दास का मनोनयन किया गया। 30 सितंबर तक हर जिले में जिला समितियां गठित कर गांधी जयंती से कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। 26 नवंबर तक, प्रत्येक जिले में 75 किलोमीटर की पदयात्रा व साइकिल यात्रा का आयोजन किया जाएगा और अभियान का संदेश ओड़िशा के गाँव-गाँव में फैलाया जाएगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की 75 वीं बरसी पर 30 जनवरी को राज्य स्तर पर सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। आज की बैठक में उपस्थित सदस्यों में से राज्य कमेटी का गठन किया गया। इस राज्य समिति में रामशंकर राम, जयंत दास, अरुण जेना, प्रफुल्ल कुमार मिश्रा, गौरांग महापात्रा, सत्य महार, ललित मोहन बेहरा, सीमांचल नायक, सागर दास, संग्राम केशरी षड़ंगी, दसनंदी बाली, राजेश जानी, मधुस्मिता बेहरा आदि को शामिल किया।

-मानस पटनायक

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