सावन कुमार टाक नौनिहाल फ़िल्म बना रहे थे। इसके क्लाइमेक्स वाले गाने में नेहरू जी की अंतिम यात्रा के फुटेज इस्तेमाल हुए थे। गाना था कैफ़ी आज़मी साहब का लिखा हुआ ‘मेरी आवाज़ सुनो’…, जिसमें नेहरू जी की वसीयत नज़्म थी। ये गाना नेहरू जी को खिराजे अक़ीदत था। बक़ौल […]

नेहरू धर्म के वैज्ञानिक और स्वच्छ दृष्टिकोण के समर्थक थे। उनका मानना था कि भारत धर्मनिरपेक्ष राज्य है, न कि धर्महीन। सभी धर्मो का आदर करना और सभी को उनकी धार्मिक आस्था के लिए समान अवसर देना राज्य का कर्तव्य है। नेहरू जिस आजादी के समर्थक थे, जिन लोकतांत्रिक संस्थाओं […]

गांधी और सावरकर के रिश्तों पर तुषार गांधी के साथ सर्वोदय जगत के अतिथि संपादक रामदत्त त्रिपाठी की एक दिलचस्प चर्चा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बर्बर हत्या बीसवीं सदी की सर्वाधिक लोमहर्षक घटनाओं में से एक है। यह गांधी और बुद्ध के देश भारत में नहीं होना चाहिए था कि […]

गणेश शंकर विद्यार्थी की 132 वीं जयंती कार्यक्रम का आयोजन 26 अक्टूबर को ‘विद्यार्थी प्रतिमा’ फूलबाग में गांधी शांति प्रतिष्ठान केन्द्र के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्धजनों ने कहा कि हमारे देश में गणेश शंकर विद्यार्थी के विचारों, संघर्ष की परंपरा में कमी आयी है। विद्यार्थी जी […]

प्रगतिशील सामाजिक कार्यकर्ता और  छपरा जिला अंतर्गत परसा थाना के सगुनी पंचायत की लोकप्रिय सरपंच बिंदु देवी की अवैध गिरफ्तारी के विरोध में लोकतांत्रिक जन पहल के बैनर तले डाकबंगला चौराहा पर प्रतिरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।बिन्दु […]

-डॉ स्नेहवीर पुण्डीर नैतिकता का शाब्दिक अर्थ है, नीति के अनुरूप आचरण। राजनीति में नैतिकता का अर्थ भी राज्य को  नीति के अनुरूप संचालित करना है, परन्तु आज राजनीति में नीति की परिभाषा बदल चुकी है। बेशर्मी के साथ येन केन प्रकारेण सत्ता हथियाना और अपने व अपनी भावी पीढ़ियों […]

-प्रेम प्रकाश साल 2014 को कौन भूल सकता है भला! राजनीतिक तौर पर भारी उथल पुथल का साल! कहने को तो यह लोकसभा चुनाव के बाद मात्र सरकार बदलने का साल था, लेकिन इतिहास में दर्ज हुआ कि कालान्तर में सरकार बदलने की यह घटना लोकतांत्रिक संस्थाओं, लोकतांत्रिक मन और […]

मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने मई 1958 में एक किताब लिखी ‘Stride Towards Freedom’ जो हिंदी में ‘आजादी की मंज़िलें’ नाम से उपलब्ध है. अनुवाद किया है सतीश कुमार ने. भारत में यह किताब 1966 में प्रकाशित हुई. इसमें किंग ने एक बड़े सत्याग्रह की कहानी लिखी, जो गोरों और […]

वाराणसी में भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी जिस आइडिया ऑफ इंडिया का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान परवान चढ़ा था, आज वह बर्बाद हो रहा है. मुल्क नफरत, गैर बराबरी और कारपोरेट फासीवाद की आग में झुलस रहा है. यदि समय रहते  स्वतन्त्रता, समता, बंधुता और इंसाफ पर आधारित […]

वाराणसी के ग्रामीणांचल में हरहुआ विकासखंड स्थित कोहांसी गाँव में 31 अक्टूबर को महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया. यह प्रतिमा जिले के पूर्व उप जिलाधिकारी (न्यायिक) मदन मोहन वर्मा द्वारा अबतक स्थापित की गयी गांधी जी की सातवीं प्रतिमा है. प्रतिमा का अनावरण करने के लिए मदन […]

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