पवित्र आत्माओं की निंदा क्षमा नहीं की जायेगी

यीशु वाणी

विनोबा ने गीता, भागवत, धम्मपद, जपुजी, कुरआन आदि अनेक धर्मग्रंथों के नवनीत लिखे हैं। इसके पीछे उनका मन्तव्य दिलों को जोड़ने का रहा है। ख्रिस्त धर्म सार इसी योजना की अगली कड़ी है। इसमें विनोबा ने न्यू टेस्टामेंट का सार सर्वस्व लिखा है। प्रस्तुत है अगली कड़ी।

व्याधि-निवारण
जब वह पहाड़ से उतरा तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली एक कोढ़ी ने उसके पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा कि हे प्रभु, यदि तू चाहे, तो मुझे स्वच्छ कर सकता है। यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छुआ और कहा कि मैं चाहता हूं तू स्वच्छ हो जा और वह तुरंत कोढ़ से स्वच्छ हो गया। जब वह कफरनहूम में आया तो एक सूबेदार ने उसके पास आकर उससे विनती की कि हे प्रभु, मेरा सेवक घर में पक्षाघात से बहुत दुखी पड़ा है। यीशु ने उससे कहा कि मैं आकर उसे चंगा करूंगा।

सूबेदार ने उत्तर दिया कि हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं हूं कि तू मेरी छत के तले आये, पर केवल मुख से कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जायगा, क्योंकि मैं भी आज्ञाकारी मनुष्य हूं और मेरे हाथ में भी सिपाही हैं। मैं जब एक से कहता हूं कि जा, तो वह जाता है और दूसरे को कहता हूं कि आ, तो वह आता है और अपने दास से कहता हूं कि यह कर, तो वह करता है। यह सुनकर यीशु मुग्ध हो गया और जो उसके पीछे आ रहे थे, उनसे कहा कि मैं तुमसे सच कहता हूं कि मैंने इजराइल में भी ऐसी महान श्रद्धा नहीं पायी। यीशु ने सूबेदार से कहा कि जा, जैसी तेरी श्रद्धा है, वैसा ही तेरे लिए हो और उसका सेवक उसी घड़ी चंगा हो गया। यीशु ने पतरस के घर आकर उसकी सास को ज्वर में पड़ी देखा। उसने उसका हाथ छुआ, उसका ज्वर उतर गया और वह उठकर उसकी सेवा करने लगी।

मत्ती 8.1-3, 5-10, 13-15

पतितोद्धार
वहां से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नामक एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा और उससे कहा कि मेरे पीछे आओ। वह उठकर उसके पीछे हो लिया। जब वह घर में भोजन करने के लिए बैठा तो बहुतेरे जकातदार और पापी आकर यीशु और उसके शिष्यों के साथ खाने बैठे। यह देखकर फरीसियों ने उनके शिष्यों से कहा कि तुम्हारा गुरु जकातदार और पापियों के साथ क्यों भोजन करता है? यीशु ने जब यह सुना, तब उसने उनसे कहा कि वैद्य भले-चंगों के लिए नहीं, अपितु बीमारों के लिए आवश्यक है। तुम जाकर इसका अर्थ सीख लो कि मैं बलिदान नहीं, परंतु दया चाहता हूं, क्योंकि मैं धार्मिकों का नहीं, परंतु पापियों का आवाहन करने आया हूं कि वे पश्चात्ताप करें।

मत्ती 9.9-23

भक्ति-भोजन
उन्होंने उनसे कहा कि यूहन्ना के शिष्य तो बराबर उपवास करते और प्रार्थना किया करते हैं और वैसे ही फरीसियों के भी, परंतु तेरे शिष्य तो खाते-पीते हैं। यीशु ने उनसे कहा कि क्या तुम बरातियों से, जब तक दूल्हा उनके साथ रहे, उपवास करवा सकते हो? परन्तु वे दिन आयेंगे, जिनमें दूल्हा उनसे अलग किया जायगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।

लूका 5.33-35

पुण्यात्मा की निन्दा अक्षम्य
तब लोग एक अंधे गूंगे को, जिसे भूत-पलीत ने ग्रस लिया था, उनके पास लाये, उन्होंने उसे अच्छा किया और वह गूंगा-अंधा बोलने और देखने लगा। इस पर सब लोग चकित होकर कहने लगे कि यह दाऊद की संतान तो नहीं है? परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा कि यह तो भूतों के सदार इब्लीस, बालजबूल की सहायता से भूतों को निकालता है। यीशु ने उनके मन की बात जानकर उनसे कहा कि मनुष्य का सब प्रकार का पाप और निन्दा क्षमा की जायेगी, पर पवित्र आत्मा की निन्दा क्षमा न की जायेगी और जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका अपराध क्षमा किया जायगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इहलोक में और न परलोक में क्षमा किया जायेगा। भला मनुष्य मन के भले भंडार से भली बातें निकालता है और बुरा मनुष्य बुरे भंडार से बुरी बातें निकालता है और मैं तुमसे कहता हूं कि जो-जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हरएक बात का लेखा देंगे, क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जायेगा।

मत्ती 12.22-25, 31, 32, 35-37

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