गांधीजी के जीवन से प्रभावित होकर अपना जीवन, गांधी विचारों में समर्पित होकर जीने वाली राष्ट्रीय कस्तूरबा गांधी ट्रस्ट इ्न्दौर के पूर्व सचिव, विचार संगोष्ठी मेंबतौर मुख्य अतिथि चतुरा बहन ने गांधीजी के कर्मो, विचारों को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा गांधीजी का दिया सर्वधर्म समभाव आज के समय में अधिक प्रासंगिक है। उन्होने कहा, गांधीजी का कहना था “प्रकृति संसार के सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सक ती है लेकिन एक भी लालच का नही। गांधी जैसा महामानव की आवश्यकता पूरी दूनिया को है इसी लिए पूरी दूनिया आज के दिन को “विश्व अहिंसा दिवस” के रूप में याद करती है।
प्रदीप सिंह ने गांधी जी व लालबहादुर शास्त्री के विचार व आज की परिस्थिति में उनके महत्व पर चर्चा की। डा.दीनबन्धु ने कहा कि आज के विज्ञान युग में तृतीय विश्व युध्द हुआ तो पूरी दुनिया समाप्त हो जाएगी। आज गांधीजी,लालबहादुरशास्त्री व महात्मा बुध्द जैसे महापुरूषों के विचारों से ही दुनिया को बचाया जा सकता है। शिक्षा निकेतन के विद्यार्थियों ने ” दे दी आजादी खडग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल” गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति की । डा. सुभाष प्रसाद शाही ने गांधीजी के नई तालिम शिक्षा की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानाध्यापिका इन्दुबाला सिंह ने शास्त्री जी के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री काल के कार्यो एवं उनके सादाजीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी स्वेत क्रान्ति, हरित क्रान्ति के जनक कहा गया। आश्रम की मुखिया शुभाबहन ने सभी का स्वागत करते हुए गोष्ठी की भूमिका रखी। गोष्ठी में उमेश कुमार चौबे, प्रमोद कुमार, म्योरपुर वन विभाग के अधिकारी आदि ने अपने विचार रखे।शिविर के मौके पर विमल भाई, लालबहादुर भाई, रामसुभग भाई, रघुनाथ भाई, रमेश भाई शान्ति बहन, मानमती बहन व पीआरपी, म्योरपुर वन विभाग की पूरी टीम व अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे। संचालन जगत भाई ने किया।
देवनाथ भाई,
ब.से.आ.गोविन्दपुर, सोनभद्र